
मुझे हैरत इस बात की कतई नहीं कि वामपंथी पतित हैं, मैं तो बस यह सोचता हूं कि आखिर वे और कितना नीचे गिरेंगे, गिर सकते हैं......
ज.ने.वि. छात्रसंघ का वर्तमान अध्यक्ष फिलहाल इनका पोस्टर ब्वॉय है, दो दिनों की बिहार यात्रा पर है, आज़ादी ढूंढने निकला है, पर मैं वामी गिरोह के इस नए 'मसीहा' के बारे में दो-तीन जानकारियां आपसे साझा कर लेता हूं....
1.यह लौंडा अपनी नेतागिरी चमकाने तब निकला है, जब इसके चक्कर में आकर ज.ने.वि. के कई छात्र (और उनमें से कुछ मासूम) भी हो सकते हैं, अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल पर बैठे हैं. उपनिवेशवादी मानसिकता से ग्रस्त एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में इस नटवरलाल ने उसमें शिरकत और समर्थन की बात कही थी. अब ज़रा यह बताओ कि भूख-हड़ताल दिल्ली में, ज.ने.वि. के एड-ब्लॉक पर और तुम राजधानी पटना में क्या मूली उखाड़ने आए हो बे..???
2. इस लौंडे की वायवीय उ़ड़ानों पर जब सवाल उठे, तो इसने कहा कि प्रायोजक इसका खर्च उठाते हैं. हां बेटे, बिल्कुल उठाते हैं. अब ज़रा जान लो कि तुम्हारे प्रायोजक कौन हैं? दिल्ली में कांग्रेस का एक दिग्गज नेता जहां इसका प्रायोजक है, जिसने एनजीओ के माध्यम से पैसा पूल कर इसे पूरे देश में पोस्टर-ब्वॉय बनाना चाहा है, तो बिहार में यह शराब माफिया की गोद का खिलौना है.....
3. जी हां, कल इस लौंडे के प्रायोजक वही कुख्यात शराब माफिया विनोद जायसवाल थे, जो सीवान से एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके थे. भले ही, उसमें उन्हें अपने ही पूर्व सिपहसालार टुन्ना पांड़े से शिकस्त मिली (पांड़ेजी भाजपा के उम्मीदवार थे, शराब माफिया थे, लेकिन छोटे स्तर के...स्थानीय). जायसवाल अंतर-राज्यीय शराब माफिया माने जाते हैं...बड़ेवाले. वह शहाबुद्दीन के दाहिने हाथ भी थे (इस बात पर गौर करें).
4. कल एयरपोर्ट से लेकर पूरे पटना तक इस लौंडे का सारा प्रायोजन इन्हीं स्वनामधन्य जायसवाल जी ने करवाया. अब इस प्रायोजन के साथ इस लंपट के मुंह से शराबबंदी के खिलाफ निकली बकवास को जोड़कर देखिए. दो और दो का जोड़ चार समझ मे आ जाएगा.
5. बड़ी गाड़ियों के काफिले, पटना के आइटी चौराहा पर बड़ा पोस्टर (जो आजतक येचुरी, करात और डी राजा को भी नसीब नहीं हुआ), एस के मेमोरियल हॉल में बड़ा कार्यक्रम और ऊपर से जंगलराज के मसीहा लालू यादव के साथ डेढ़ घंटे की गुप्त मीटिंग. खिचड़ी क्या पका रहे हो, नटवरलाल और किसके लिए......
6. आज चंदू (ज.ने.वि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष, जिनकी हत्या का आरोपी शहाबुद्दीन है) की आत्मा तृप्त हो गयी होगी. लालू यादव के चरण-चुंबन तक तो फिर भी ठीक था, लेकिन शहाबुद्दीन के सिपहसालार जायसवाल की गोद में गिर पड़नेवाला यह लफंगा भी ज.ने.वि. का छात्रसंघ-अध्यक्ष है. चंदू, हम शर्मिंदा हैं.......
7. और अंत में, वामी गिरोह के इस प्रतिनिधि लौंडे की आज़ादी का नमूना आज उस छात्र को दिख गया, जिसने शांतिपूर्ण तरीके से जब नटवरलाल का विरोध किया, तो वामी कारकुनों ने उसकी हॉकी स्टिक और लात-घूंसो से जमकर पिटाई की......
शर्म को भी शर्म आ गयी, पर हाय रे वामियों....तुमको कब आएगी....
- Vyalok Pathak
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